ख्वाहिशें
कभी उड़ने की,
कभी जुड़ने की,
कभी जीने की,
कभी मरने की
कभी स्थिरता की,
कभी दृढ़ता
की,
कभी प्रतिबद्धता की,
कभी विस्तारता की
ख्वाहिशें
कुच बचपने वाली,
कुच किशोरता वाली,
कुच वयस्कता वाली,
कुच बुढ़ापे
वाली,
रोज नई,
रोज गयी,
कभी पुरी,
कभी अधुरी,
कभी भुल लेना,
कभी भुला लेना,
कभी उमीद बना लेना,
कभी सपना बना लेना
कभी थकना
नही
कभी रुकना नही
बुनते रेहना
बदलते रेहना
जीते रेहना
ख्वाहिशें
न जाने
कितनी
न रही जिस दिन
ऎ ज़िन्दगी
मेरा अन्तिम
सलाम समझना !!!
- Neha
No comments:
Post a Comment